Saturday, 23 January 2016

WhatsApp shayari best shayari motivational shayari

हर पतंग जानती हे, अंत में  कचरे मे जाना हे ।
लेकिन उसके पहले हमे,
आसमान छूकर दिखाना हे  .

बोतल में थी तो खामोश थी.....
अन्दर क्या गयी बवाल ही मच गया....

बहुत सुन्दर शब्द जो एक मंदिर
के दरवाज़े पर लिखे थे :🎐
--ठोकरें खा कर भी ना संभले
तो मुसाफ़िर का नसीब,
वरना पत्थरों ने तो
अपना फर्ज़ निभा ही दिया....

एक ही समानता है
पतंग और ज़िन्दगी में,,,
ऊँचाई में हो तब तक ही
वाह वाह होती है...

गंदगी तो पैसे वालो ने फैलाई है..
वरना गरीब तो सङको से थैलियाँ
तक उठा लेते है...!!

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